क्या आपका नाम Special BSTC Merit List 2025 में है? यहां जानिए पूरा चयन प्रक्रिया, कट-ऑफ और अगला कदम


राजस्थान में विशेष शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। Special BSTC 2025 की मेरिट लिस्ट आखिरकार जारी कर दी गई है। यह मेरिट लिस्ट उन छात्रों के लिए है जो विशिष्ट शिक्षा यानी स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा करना चाहते हैं। इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। अगर आपने भी आवेदन किया था, तो अब आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आपका नाम इस लिस्ट में है या नहीं, और इसके बाद की प्रक्रिया क्या होगी।


Special BSTC 2025: क्या है यह पाठ्यक्रम और किसके लिए है उपयुक्त?

Special BSTC (Basic School Teaching Certificate) एक ऐसा कोर्स है जो दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स विशेष शिक्षा में करियर बनाना चाहने वालों के लिए अनिवार्य है। इस डिप्लोमा के ज़रिए शिक्षक मानसिक, श्रवण, दृष्टि या अन्य प्रकार से दिव्यांग बच्चों के साथ शिक्षा प्रदान करने के योग्य बनते हैं।


कौन कर सकता है आवेदन?

इस कोर्स के लिए वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की हो और उनके अंक मान्यता प्राप्त बोर्ड से हों। इसके अलावा उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाता है, न कि किसी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से। वर्ष 2025 के लिए भी इसी प्रक्रिया को अपनाया गया है।


कैसे तैयार की गई है मेरिट लिस्ट?

Special BSTC Merit List 2025 को छात्रों के 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा तय किए गए आरक्षण नियमों और कोटा प्रणाली को भी ध्यान में रखा गया है। इस साल का कट-ऑफ पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा अधिक देखा गया है, खासकर जनरल श्रेणी में।


मेरिट लिस्ट कहां और कैसे देखें?

मेरिट लिस्ट को आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया है:

Website: https://rehabcouncil.co.in

उम्मीदवार नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके अपना नाम चेक कर सकते हैं:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
  2. होमपेज पर "Special BSTC Merit List 2025" के लिंक पर क्लिक करें
  3. अपना नाम, एप्लीकेशन नंबर या रोल नंबर डालें
  4. डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और PDF सेव कर लें

  5. मेरिट लिस्ट के बाद क्या करना है?

    मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होगा। काउंसलिंग में सीट आवंटन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और कॉलेज का चयन शामिल होता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी की जाएगी:

    • डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: मूल प्रमाण पत्रों की जांच
    • कॉलेज का विकल्प चुनना: अभ्यर्थी अपनी पसंद के संस्थानों का चुनाव कर सकते हैं
    • सीट अलॉटमेंट: मेरिट और विकल्पों के आधार पर सीट मिलेगी
    • फीस जमा करना: तय समय पर शुल्क जमा करके सीट कन्फर्म करनी होगी

    जरूरी दस्तावेज जो आपको साथ रखने चाहिए

    काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने से पहले नीचे दिए गए दस्तावेज़ तैयार रखें:

    • 10वीं और 12वीं की मार्कशीट
    • आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
    • निवास प्रमाण पत्र
    • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    • पासपोर्ट साइज फोटो
    • आवेदन पत्र की प्रति
    • दिव्यांग प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

    इस बार कितनी सीटें हैं उपलब्ध?

    2025 सत्र के लिए राज्य भर के विभिन्न डी.एल.एड. स्पेशल एजुकेशन संस्थानों में कुल अनुमानित 1,500 से अधिक सीटें उपलब्ध कराई गई हैं। ये सीटें Hearing Impairment, Mental Retardation, Visual Impairment जैसे विभिन्न स्पेशलाइजेशन में विभाजित हैं।


आरक्षण नीति और कोटा व्यवस्था

राज्य सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण प्रदान किया गया है। इसके अलावा दिव्यांग वर्ग के लिए भी आरक्षित सीटें निर्धारित हैं।


महत्वपूर्ण तारीखें जो आपको नहीं भूलनी चाहिए

कार्यक्रम तारीख
मेरिट लिस्ट जारी जुलाई 2025 (द्वितीय सप्ताह)
काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन जुलाई 2025 (तीसरे सप्ताह से)
सीट अलॉटमेंट अगस्त 2025
क्लास शुरू होने की तिथि सितंबर 2025

निष्कर्ष: यह अवसर बदल सकता है आपका करियर

यदि आप शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए कुछ करने की चाह रखते हैं, तो Special BSTC आपके लिए सुनहरा अवसर है। यह न केवल सामाजिक रूप से सम्मानजनक पेशा है बल्कि इसमें भविष्य की संभावनाएं भी अपार हैं।

इस मेरिट लिस्ट में अपना नाम देखकर यदि आप चयनित हुए हैं, तो काउंसलिंग प्रक्रिया को गंभीरता से लें और समय रहते हर कदम पूरा करें। यह डिप्लोमा न केवल एक प्रमाणपत्र है, बल्कि यह समाज के उन वर्गों तक शिक्षा पहुंचाने की कुंजी है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।



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